रंगमंच के कलाकारों ने किया जागरूक, सामाजिक बुराइयों को दूर करने का दिया संदेश
विश्व रंगमंच दिवस पर देहरादून के विभिन्न रंगमंच से जुड़े कलाकारों ने सामाजिक बुराइयों को दूर करने का संदेश दिया। बेहतर प्रस्तुति पर कलाकारों ने दर्शकों की तालियां बटोरी। दून घाटी रंगमंच की ओर से करनपुर स्थित कार्यालय के मिनी ऑडिटोरियम में कार्यक्रम हुआ।

जागरण संवाददाता, देहरादून। विश्व रंगमंच दिवस पर देहरादून के विभिन्न रंगमंच से जुड़े कलाकारों ने सामाजिक बुराइयों को दूर करने का संदेश दिया। बेहतर प्रस्तुति पर कलाकारों ने दर्शकों की तालियां बटोरी। दून घाटी रंगमंच की ओर से करनपुर स्थित कार्यालय के मिनी ऑडिटोरियम में बालिकाओं को शिक्षित कर उन्हें आगे बढ़ाने के लिए 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' नाटक का मंचन किया गया। बृजेश नारायण के निर्देशन में नाटक के जरिये दर्शाया गया कि भ्रूण के लिंग की जांच करना, भ्रूण हत्या करना व करवाना कानूनी अपराध है।
इसके बाद जल बचाव पर लघु नाटिका के माध्यम से जल की महत्ता का संदेश दिया गया। रंगमंच के कलाकारों ने काव्य शैली के तहत नशा जो करेगा वो जल्दी मरेगा..., नशा नाश करता है सबको बता दो.. आदि प्रस्तुति दी। इस मौके पर रंगमंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष नाट्य भूषण लक्ष्मी नारायण, मंच के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह वालिया, आदेश नारायण, अजय राठौर, नीलम बत्रा आदि मौजूद रहे।
...और खोल दी शिक्षा व्यवस्था की पोल
धाद नाट्य मंडल के कलाकारों ने दो दिवसीय इंटिमेट थिएटर फेस्टिवल के तहत नाट्य प्रस्तुति दी। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी दर्शकों ने नाटक का लुत्फ उठाया। शनिवार को रिफंड नाटक के माध्यम से कलाकारों ने शिक्षा व्यवस्था पर तीखा प्रहार किया। कहानी एक विद्यार्थी की है, जो 18 साल बाद अपने स्कूल आता है और यह कहकर अपनी जमा की गई फीस वापस मांगता है कि उसे इस स्कूल में कोई ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ, इसलिए उसकी नौकरी लग पाई और न वह व्यापार ही कर पा रहा है, क्योंकि सारा पैसा तो फीस में दे दिया।
रिफंड से बचने के लिए प्रिंसिपल छात्र की परीक्षा इस शर्त पर लेता है कि अगर वह पास हो गया तो फीस वापस नहीं होगी। छात्र कुछ गलत जवाब लिखता है, लेकिन फीस रिफंड न करनी पड़े, इसके लिए उसे पास कर देते हैं। इससे पहले 'प्रस्ताव' और हास्य नाटक 'राममिलाई जोड़ी' का भी मंचन किया गया। धाद के केंद्रीय अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा वर्तमान में सबसे बड़ी बात है कि रंगकर्म जिंदा रहना चाहिए। कैलाश कंडवाल के निर्देशन में हुए इन नाटकों में पंकज उनियाल, मीनाक्षी गुप्ता, मीनाक्षी जुयाल, मनप्रीत कौर, सुदीप जुगरान, अभिषेक नौटियाल ने किरदार निभाया।
दिवंगत कलाकारों को समर्पित किया नाटक
संभव मंच परिवार की ओर से विश्व रंगमंच दिवस और कोरोनाकाल में उत्तराखंड के दिवंगत कलाकारों को समर्पित 'लछमा' नाटक कर मंचन कर दर्शकों को तालियां बटोरी। नगर निगम के टाउन हाल में मुख्य अतिथि महापौर सुनील उनियाल गामा रहे। इसके बाद कलाकारों ने नाटक की प्रस्तुति दी, जिसमें दिखाया गया कि लछमा एक लड़की की कहानी है जो सिर्फ अपने सपनों से मिलती है और किसी से कोई शिकायत नहीं रहती। क्योंकि उसे खुद खुश रहना और दूसरों में खुशियां बांटना आता है। मंच के निर्देशक अभिषेक मैंदोला के अलावा कलाकारों में मिताली पुनेठा, कुसुम पंत, हेमा पंत, गोकुल पवांर, प्रीति आदि ने अभिनय किया।
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